Pataa Ek....
मेरी तेरी 'दुनिया' कोई अलग तो नहीं,
फिर मैं तुम्हारा पता/ तुम मेरा पता/ क्यों पूछें,
ये कुछ कदम मंजिल , चलो हाथ में हाथ डाले चलते हैं,
आने का पता चाहे कुछ भी....
इस ‘संसार’ के बाद का पता,
तेरा मेरा एक ही....
© 2012 कापीराईट केप्टन सेमन्त हरीश 'देव'
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