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Tuesday 31 March 2015

तेरा स्पर्श....!







Firmament !
Your ! Feel.......  ~ 'Dev'

अर्श !
तेरा ! स्पर्श..... ~ 'देव'

अर्श = देवलोक/ आकाश/ Heaven

Pataa Ek....





मेरी तेरी 'दुनिया' कोई अलग तो नहीं,

फिर मैं तुम्हारा पता/ तुम मेरा पता/ क्यों पूछें,

ये कुछ कदम मंजिल , चलो हाथ में हाथ डाले चलते हैं, 

आने का पता चाहे कुछ भी....

इस ‘संसार’ के बाद का पता,

तेरा मेरा एक ही....

© 2012 कापीराईट केप्टन सेमन्त हरीश 'देव'

तू !





मोज़िज़ा* !
तेरी ! बाहें ... ~ 'देव'


Prodigy !
Your !  Arms... ~ 'Dev'


मोज़िज़ा* = विलक्षण / Amazing 

Sunday 29 March 2015

तेरी रहमत....!





हर सतरे* से इसके, 'तेरी'  रहमत की महक आती है,
है इक किताब जिसे, 'मेरी' ज़िंदगी मैं कहता हूँ  ~ 'देव' 

सतर* = पंक्ति 

तू हर कहीं....!







You are everywhere

For me,  in my heart.... ~ 'Dev'




तू  हर कहीं,

मुझे लगे, मेरे दिल में... ~ 'देव'


वक़्त-ए-रुखसत...!






If I have anything or not, but I pray

that when I leave (die), my faith is safe... ~  'Dev'



वक़्त-ए-रुखसत , कुछ रहे न रहे , 

तेरा  'इश्क ' ! रहे मुझ में....  ~  'देव'

Saturday 28 March 2015

Fall in Love...!



Fall in love [with Him]

[and] your life would change its direction..... ~ 'Dev'



उसकी रौशनी से लौ लगा कर तो देख,

ज़िंदगी राह बदल लेगी.....  ~'देव '

O ! Beloved... I am vale....


                                                                       




मैं ख़ाक, 
ज़मीं तेरी बाहें....  ~  'देव'

I am vale,
Earth (is) your embrace..... 
~ 'Dev'

तू !




तू ! संदल,
मैं संदली.... ~ 'देव'

You are sandal,
Me your persona....  'Dev'

O ! Beloved...





Remove the veil from face

so that my desire is fulfilled....and make me complete...


एक  बार  दरस  दिखा दे मौला...

मैं  सब कुछ  पा जाऊं....

मैं  पूरा  हो जाऊं... ~  'देव'